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स्क्रॉलिंग वविश्वसनीय है?
युवा लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल बुजुर्गों की तुलना में कहीं अधिक करते हैं। लेकिन वे उन पर कितना भरोसा करते हैं?
यूनिसेफ + गैलप ने 55 देशों में युवा और बुजुर्ग लोगों से पूछा कि वे आज की दुनिया को कैसे अनुभव करते हैं।
सर्वेक्षण के बारे में और पढ़ेंबचपन के बदलते स्वरूप के बारे में अधिक जानने के लिए ऊपर दिए गए प्रश्न का उत्तर दें।
प्रश्न पर वापस जाएँसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स युवाओं द्वारा अपनी जानकारी प्राप्त करने का अब तक का सबसे सामान्य तरीका है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे जो स्क्रॉल कर रहे हैं उस पर भरोसा करते हैं।
% युवा लोग जो इन पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं
औसतन, केवल 23% युवा कहते हैं कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से मिली जानकारी पर "बहुत अधिक" भरोसा करते हैं।
यह उन लोगों की तुलना में कम हिस्सा है जो न्यूज़ मीडिया, वैज्ञानिकों और डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों पर बहुत भरोसा करते हैं — हर उस स्रोत में जिसके बारे में हमने पूछा था!
यह पता चला है कि दुनिया भर में अधिकांश युवा नेटिज़न्स सोशल मीडिया के समझदार उपभोक्ता हैं।
% जो कहते हैं कि उन्हें पारंपरिक मीडिया स्रोतों (रेडियो, टीवी और प्रिंट/ऑनलाइन न्यूज़पेपरों) पर "बहुत" भरोसा है
जबकि युवा और बुजुर्ग पारंपरिक मीडिया स्रोतों पर अधिक भरोसा करते हैं...
...उन स्रोतों पर भरोसा भी अपेक्षा से कम है।
कंटेंट पर आलोचनात्मक नजर रखने से हमारे झूठी खबर और दुष्प्रचार के युग में युवाओं को वास्तविकता को कल्पना से अलग करने में सहायता मिल सकती है।
लेकिन अविश्वास की एक कीमत चुकानी पड़ती है। युवाओं के लिए उस कंटेंट की सच्चाई पर संदेह करना एक बोझ है जिस पर वे सबसे अधिक भरोसा करते हैं।
भरोसे की कमी सामाजिक एकजुटता—और समस्याओं को हल करने के लिए सामूहिक कार्य को भी कमजोर कर देती है।